बधावनो
पाँच सो रुपीयारो पोमचो ने गोटो लग्यो पठानीजी,
आ थोरी... गोरडी वा सगळा री सेठानीजी
म्हारो हरकीलो बनडो / बनडी परणीजे ।
नगरी में बाजा बाजे जी,
म्हारे बनडी रे बधावने खामगांव गेरो गाजेजी ।
सांगरीरी रायतो ने जीरे रो बगारजी ।
आ थोरी .... गोरडी हिवडेरो आधारजी ।
म्हारी हरकी बनडी..
(इस तरह सबके नाम लेकर गाना)
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