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Sunday, 23 March 2025

न्हावण २


न्हावण २

बनडो न्हाय धोय बेठ्यो बाजोट काई आमण धुमणो 
बनडो काई मांगे सिर पाग काई सिरंरी सेवरो 
म्हेतो भल मांगू शिर पाग भल सिररो सेवरो 
म्हेतो परणीजू सजनारी धिव वा म्हारे सिग चढे 
बनडा तोरण तारारी छाय किंब कर बांधसी 
म्हारा सिमरथ बाबाजी साथ भलभल बांधश्या 
बनडा बनडीरो इदक स्वरूप किब कर निरखसी 
म्हारे गेणारो डबो हात भलभल निरखश्या । 
बनडी न्हाय धोय बेठी बाजोट काई आमण धूमणी 
बनडी काई मांगे गळहार काई दात्यो चूडलो 
सैय्या भाल मांगू गळ नवसर हार भल दात्यो चूडलो 
म्हेतो परणीजा सजनारा पुत वे म्हारे सिगचढे
बनडी पिठडल्या दिनचार मलमल न्हायलो 
बनडी भोजनीया दिनचार रुचरूच जिमलो बनडी 
चाबणनीया दिनचार रुचरुच चाबलो ।

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