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Wednesday, 20 December 2023

शैतान का साया

आज की कहानी थोड़ी अलग हैं|

आप ही तय करना जो हुआ क्या वो सही था?

कहानी शुरू करने से पहले आपको यह बात बता दू की यह कहानी बिलकुल काल्पनिक हैं| अगर इस कहानी से किसी की भी कोई भी भावना आहत होती हैं तो वे इस बात को भी समझ ले की मुझे भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हैं| काल्पनिक कहानी को ज्यादा मन पर न ले|

आज पखाम्बा की कोर्ट में बेल की अर्जी की सुनवाई हैं| उसे लेकर पुलिस वाले कोर्ट पोहोच ही रहे थे| उसे मिलने, उसे सात्वना देने उसके गाव से सिवाय उसकी पत्नी चानू के कोई नहीं आया| चानू बार बार मन ही मन अपनी कुलदेवी को प्रार्थना कर रही थी की आज पखाम्बा की रिहाई हो जाए| 

पखाम्बा मणिपुर के हलंग गाव का था| उसपर गाव के ही केविन की हत्या का आरोप था| केविन मतिमंद था| बड़ी निर्दयता से किसी ने उसकी हत्या कर दी थी| पुलिस ने कुछ गवाहों के कहने पर पखाम्बा को धर लिया था| इसी कारण गाव से कोई भी पखाम्बा के साथ नहीं था|

गवाहों में उसके सबसे अच्छा दोस्त जोसेफ सबसे आगे था जिसने कहा था, "जिस दिन केविन की हत्या हुई उस दिन केविन जंगल की और भागे जा रहा था| पखाम्बा केविन के पीछे जंगल की और गया था|" यही बात अन्य गवाहों ने भी कही| किसी भी गवाह ने पखाम्बा को केविन को पिटते हुए या मारते हुए नहीं देखा था|

सुनवाई शुरू हुई| पखाम्बा के दलील दी, "साहब मैं निर्दोष हूँ| मुझे फसाया जा रहा हैं| मैं तो अपने काम से जंगल की और जा रहा था| मुझे तो ये भी नहीं पता था की केविन मेरे पहले जंगल की और गया हैं| मैं जंगल से लकड़ियाँ काट कर बेचने का काम करता हूँ| इसीलिए उस दिन भी मैं जंगल में लकड़ियाँ कटाने ही गया था| मैंने केविन को जंगल में देखा भी नहीं| शाम को जब मैं घर आया तो मुझे पता चला की केविन को किसीने बहुत पिटा और उसकी हालत ख़राब हैं| इसीलिए मैं उसे देखने उसके घर गया था| बेचारे केविन, उसकी माँ मरियम के जाने के बाद अकेला हो गया था| उसके भाई पीटर और रोमिल उसे अस्पताल भी नहीं ले गए और वो तड़प तड़प कर मर गया|"

चानू को गवाही के लिए कटघरे में बुलाया गया| चानू ने अपनी कुलदेवी का स्मरण करते हुए जज साहब को झुक कर प्रणाम किया और कहा, "साहब मेरे पति निर्दोष हैं| ये उसदिन जंगल में रोज की तरह लकड़ी काटने ही गए| दोपहर के समय मुझे जोसेफ की घरवाली मेरी ने बताया की केविन को किसी ने जंगल में बहुत पीटा| जख्मी हालत में उसे घर लेकर आये हैं| हालत ख़राब हैं|" 

चानू ने आगे कहा, "साहब ये मेरी और जोसेफ ने इसके पहले भी केविन के बारे में गलत सलत बाते फैलाई हैं| दोनों कहते हैं की केविन पर शैतान का साया हैं इसीलिए वो मतिमंद हैं|"

इस बात की पुष्टि अन्य गवाहों से भी की गयी| अधिकतर गवाह चर्च में जाकर नित्य प्रार्थना करने वाले थे| वो ये भी मानते थे की शैतान होता हैं| इसीलिए उन्होंने केविन की मतिमंद हालत के लिए शैतान को जिम्मेदार बताया|

फिर जोसेफ की बारी आई, उसने बताया, "साहब जब तक केविन की माँ मरियम जिन्दा थी गाव में किसी की केविन को कुछ बोलने की हिम्मत नहीं होती थी| चर्च के फादर ने कई बार मरियम को समझाया की वो केविन कलकत्ता के बड़े चर्च में भेज दे| वहा पर उसे हर रोज पवित्र पानी में नहलाया जायेगा और शैतान का साया उतार दिया जायेगा| मरियम कहती थी, अगर गॉड ने उसे ऐसा बनाया हैं तो कोई वजह होगी, कोई शैतान का साया नहीं हैं|"

फिर गाव के अन्य लोगों की भी गवाही हुई| जोसेफ के बहन रूबी भी इस मामले में गवाह थी| रूबी ने कहा, "केविन पर शैतान का साया था| इसीलिए मेरी और पीटर की मेरेज के लिए जोसेफ तैयार नहीं था| जोसेफ को चर्च जाने वाला हसबंड मेरे लिए चाहिए था| पीटर रोज चर्च जाता था| पर केविन से दिक्कत थी जोसेफ को| केविन को मरियम रोज चर्च ले जाती थी| वहा फादर पवित्र पानी उसपर हर रोज छिड़कते थे, पर केविन में कभी कोई बदलाव आया ही नहीं| इसीलिए जोसेफ नहीं चाहता था की मैं पिटर के साथ मेरेज करूँ| केविन के पीछे पखाम्बा को जाते हुए मैंने नहीं देखा पर जोसेफ ने देखा इसीलिए मैंने भी उसकी हाँ में हाँ मिला दी| केविन के मरने से मेरी और पीटर की मेरेज अब आराम से हो सकेगी|"

रूबी की ये बात सुनकर पखाम्बा के वकील ने कोर्ट से प्रार्थना की, "यह मामला पेचीदा हो गया हैं जज साहब| क्यों की केविन के मरने से पखाम्बा को कोई लाभ नहीं होना था पर पीटर और रूबी जो एक दुसरे से प्रेम करते हैं उनके मेरेज का रास्ता साफ़ हो गया हैं| इस मामले के मुख्य गवाह जो केविन के प्रति ये धारणा रखते थे की केविन पर शैतान का साया हैं, जो की एकदम ही गलत हैं| हो सकता हैं की गाव के अन्य गवाह भी रूबी की तरह जोसेफ के हाँ में हाँ मिला रहे हो| इसीलिए मेरे पक्षकार पखाम्बा को बेल दी जाए और इस मामले की गहन तहकीकात की जाए|" कोर्ट ने वकील की इस दलील को ध्यान में रखते हुए मामले की फिर से तहकीकात के आदेश दिए|

अब पुलिस ने फिर से गाव के कई लोगों के बयान लिए| हलंग गाव की जनसंख्या ५००० से ऊपर नहीं थी| पुलिस ने पीटर के संपर्क में आने वाले सभी लोगों से पूछताछ की| तब एक बात सामने आई| वो थी जोसेफ और पखाम्बा के बिच बचपन से दोस्ती थी और अचानक एक दिन जोसेफ ने उसके साथ बात करना बंद कर दिया| जोसेफ चर्च का पादरी भी बनना चाहता था| पर फादर को जोसेफ और पखाम्बा को दोस्ती पसंद नहीं थी, क्यों की पखाम्बा गॉड की जगह अपनी कुलदेवी को मानता था| 

फिर से पखाम्बा के घर पुलिस पूछताछ के लिए गयी| पखाम्बा ने कहा, "साहब ये जोसेफ मेरा बचपन का दोस्त हैं| ये हर रोज चर्च जाता हैं| मुझे इसके चर्च जाने से कोई दिक्कत नहीं हैं| पर इसे मेरी कुलदेवी से दिक्कत हैं| मेरे गाव में एक भी मंदिर नहीं हैं| मैं अपने घर में अपनी कुलदेवी की नित्य आराधना करता हूँ| ये पिछले पाच साल से मेरे साथ सिर्फ इसीलिए बात नहीं कर रहा हैं क्यों की मैं क्रिसमस ट्री को सजाने बजाय तुलसी माता का विवाह योगेश्वर श्रीकृष्ण से कराने में ज्यादा विश्वास रखता हूँ|"

फिर जोसेफ से पूछा गया, और उसने हांमी भरी| जोसेफ ने कहा, "जो संताक्लौस दे सकता हैं वो इसके श्रीकृष्ण नहीं दे सकते|"

फिर एक बात और सामने आई| रोमिल केविन को कभी पसंद नहीं करता था| हमेशा उसे मारते रहता था| जबतक मरियम जिन्दा थी, तबतक रोमिल घर से दूर ही रहता था| हफ्ते में एखाद दिन के लिए घर पर आता था| 

आगे और पूछताछ करने पर पता चला मरियम के पास अपना प्राइवेट जंगल था ५० एकड़ का| काफी अच्छी कमाई हो जाती थी उससे| टिम्बर हो या पोपी बहुत पैसा मिलता था मरियम को| इस प्रॉपर्टी का हक़दार वही होने वाला था जो केविन को संभालेगा| अगर केविन को कलकत्ता के बड़े चर्च में छोड़ा गया तो पूरी प्रॉपर्टी चर्च के नाम होने वाली थी| इसीलिए पीटर और रोमिल ने उसे मरियम के मरने के बाद कलकत्ता के बड़े चर्च में नहीं भेजा| पर दोनों भाई केविन से परेशान थे| रोमिल तो उसे कभी पसंद नहीं करता था| पीटर देखभाल करता था पर रूबी को भी चाहता था| मरियम जिन्दा थी तब ही जोसेफ ने रूबी और पिटर के मेरेज को नकार दिया था| ये बात पक्की हैं की मरियम की प्रॉपर्टी अब रोमिल और पीटर को ही मिलनी हैं| 

पुलिस ने फिर से मौका ए वारदात की अच्छेसे जांच की| तब उन्हें वहा पर एक क्रॉस वाला लॉकेट मिला| गाव में जो भी चर्च जाता उसके गले में क्रॉस वाला लॉकेट रहना जरुरी था| पुरे गाव में पखाम्बा और चानू ही थे जो कुलदेवी को पूजा करते थे| बाकी पूरा गाव चर्च में हर रोज जाता| पखाम्बा चर्च नहीं जाता था इसीलिए उसके बच्चों को गाव की स्कूल में दाखिला नहीं दिया गया| उसके बच्चे दिल्ली में अपनी भुआ के यहाँ पढ़ने के लिए रहने चले गए थे| पखाम्बा को भी काम देने से मनाई की जाती थी| यह भेदभाव होते रहने के बाद भी पखाम्बा अपने कुलदेवी की पूजा छोड़ने के लिए तैयार नहीं था| और पता नहीं कैसे उसे कही से न कही से लकड़ी काटने का काम मिल ही जाता था| 

जिस दिन केविन की हत्या हुई उसदिन पखाम्बा मरियम के प्राइवेट जंगल के आगे वाले जंगल में पेड़ की छटाई करने गया था| पुरे गाव में उसके जैसे छटाई का काम कोई नहीं करता था सिर्फ इसीलिए उसे ये काम मिलता था| छटाई के बाद जो लकडिया निकलती थी वो भी वो पूरी साफ़ करके अपने साथ ले जाता था| आधी प्राइवेट जंगल के मालिक को देता था और आधी खुद बेच देता था| इसी तरह उसका घर चल रहा था| केविन की पिटाई मरियम के प्राइवेट जंगल में हुई थी| इसीलिए ये बात तो पक्की हो गयी की पखाम्बा ने केविन को नहीं मारा|

हलंग से दस किलोमीटर पर मिशनरी दवाखाना हैं| आसपास के गाव के सभी इसाई इसी दवाखाने में जाते हैं| केविन को जब बुरी तरह से जख्मी हालत में घर लाया गया तब उसे किसी ने भी यहाँ तक के पीटर और रोमिल ने भी उस दवाखाने में नहीं दाखिल किया| अकेला पखाम्बा था उसदिन जो कह रहा था, केविन को दवाखाने में लेकर जाओ| केविन के भाइयों को केविन के मरने के बाद मरियम की पूरी प्रॉपर्टी मिलने वाली थी और दोनों ने उसे दवाखाने में भी नहीं बताया| इस के कारण पुलिस को पीटर और रोमिल पर शक होने लगा| लेकिन वो क्रॉस वाला लॉकेट दोनों का नहीं था| 

अब मामला पेचीदा हो गया| रूबी, मेरी और जोसेफ के गले में तो लॉकेट दिख रहे थे| तो जाने कैसे की लॉकेट किसका हैं| पर ये बात तो पक्की थी जिसने भी केविन को मारा उसे केविन पर बहुत गुस्सा था| केविन तो एक मासूम था| उसके मतिमंद होने में किसी की कोई गलती नहीं थी और न ही उसकी कोई गलती थी| पर शैतान का साया जैसी धारणा जिसका कोई प्रमाण नहीं हैं उस के करना केविन से नफरत हो सकती हैं|

क्रॉस वाला लॉकेट जो पुलिस को मिला उसका फोरेंसिक टेस्टिंग करने के लिए दया गया था| पूरी जांच के बाद पता चला की लॉकेट मेरी का हैं| मेरी जोसेफ की वाइफ| कई बार केविन के साथ मरियम के जंगल जाती थी| वहा केविन के साथ क्या करती थी किसी को पता नहीं| पर जाती जरुर थी| उस दिन केविन भागते हुए जंगल की और गया| उसके पीछे दबे पाँव मेरी भी चली गयी| जिस रस्ते केविन गया उसी रस्ते से पखाम्बा अपने काम से गया था| पखाम्बा के पीछे जोसेफ भी गया था| वो असल में पखाम्बा के पीछे गया था| गाव के कुछ लोगों के हिसाब से पिछले कुछ दिनों से जोसेफ पखाम्बा पर नजर रखे हुए था| क्यों ये किसी को नहीं पता| 

पर उस दिन रस्ते में जोसेफ ने मेरी को मरियम के जंगल की तरफ जाते देखा| जोसेफ ने पखाम्बा का पीछा छोड़ ये जानना चाहाकी मेरी जो घर से चर्च के लिए निकली थी वो मरियम के जंगल में क्या कर रही हैं| पखाम्बा ने पाच साल पहले मेरी की इस हरकत के बारे में जोसेफ को बताया था और इसी बात पर से जोसेफ ने पखाम्बा के साथ बात करना बंद कर दिया था| पखाम्बा ने अपनी दोस्ती के खातिर ये बात किसी को नहीं बताई यहाँ तक के पुलिस को भी नहीं| दबे शब्दों में गाव के लोगों ने मेरी के बारे में पुलिस को पहले ही बता दिया था|

फिर उस दिन जोसेफ मरियम के जंगल में मेरी के पीछे पीछे गया| जोसेफ सब कुछ छुप कर देख रहा था की कैसे मेरी जोसेफ को धोखा दे रही हैं और केविन के साथ अपनी तन की प्यास मिटा रही हैं| अचानक मेरी की नजर जोसेफ पर गिरी और मेरी ने चीखते चिल्लाते पास में रखे रोड से केविन को पीटना शुरू कर दिया| मेरी केविन को पिटती रही, फिर केविन की चीखे बंद हो गयी और मेरी ने भी पीटना बंद कर दिया| 

तब तक जोसेफ जा चूका था| पर जोसेफ मेरी को छोड़ भी नहीं सकता था, कम से कम तब तक तो नहीं जब तक रूबी का मेरेज नहीं हो जाता| क्यों की जोसेफ के पास अपनी कोई प्रॉपर्टी नहीं थी| मेरी के पास भी अपना एक प्राइवेट जंगल था जिससे जोसेफ की जिंदगी खुशहाली में चल रही थी| जोसेफ ने फिर शांति से सोचा और फिर पुरे मामले में पखाम्बा को दोषी करार देने का ठान लिया क्यों की मेरी की हरकत के बारे में बताने वाले पखाम्बा से उसे दिक्कत तो थी ही और पखाम्बा कभी भी जोसेफ के कहने पर अपनी कुलदेवी की पूजा छोड़कर चर्च में नहीं गया इस बात का भी गुस्सा था| बची रूबी की जिम्मेदारी तो अब केविन के मरने के बाद रूबी और पीटर की मेरेज से जोसेफ को कोई आपत्ति नहीं थी| इसीलिए जोसेफ ने मेरी को बचाने के लिए पखाम्बा को फ़साने की कोशिश की|

पर सच सबके सामने आना ही था| वो आ गया| कोर्ट ने मेरी पर हत्या तथा लैगिक उत्पीडन के तहत आरोप लगाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और यह भी निश्चित किया की शैतान का साया जैसी कोई चीज नहीं होती| ये कहानियाँ किसी मतिमंद के उत्पीडन के लिए उपयोग में लायी जाती हैं|

इसके बाद कोर्ट ये भी कहा की हर व्यक्ति को अपनी धर्मिक भावनाओं के अनुसार अपने धर्म के पालन का अधिकार हैं| पखाम्बा के दृढ़ निश्चय और अपनी कुलदेवी तथा श्रीकृष्ण पर अटूट विश्वास के कारण न्याय मिला और केवीन के हत्या के पीछे के पाखंड का भी खुलासा हुआ| पखाम्बा की भक्ति देख गाव के वो लोग भी श्रीकृष्ण की शरण में आने लगे जो जोसेफ के कहने पर अपने घर के देवताओं की पूजा करना छोड़ चुके थे| 

बस आज की कहानी में इतना ही|

सवेरे उठी काम काम काम….

कभी ना लिया शिव का नाम लिरिक्स कभी ना लिया शिव का नाम, सवेरे उठी काम काम काम, कभी ना लिया हरी नाम, सवेरे उठी काम काम काम..... हमरे द्वारे पे...